मोटापा कम करने के लिए शहद के साथ गर्म पानी पीना कितना सही
आजकल हर कोई हमें सलाह देता है। वजन कम करने के लिए चर्बी या मोटापा कम करने के लिए सुबह खाली पेट हमें शहद और नींबू को गर्म पानी के साथ लेना चाहिए और फिर इंटरनेट पर दिखाएगी एड्स में या टीवी पर भी हमें शहद के इतने फायदे बताए जाते हैं कि हमें हर एक चीज में शहद को मिक्स करने के लिए बताया जाता है। जैसे गर्म दूध के साथ,या ब्रेड पर लगाने के लिए रेसिपी में ,बाकी खाद्य पदार्थों के साथ मिक्स करने के लिए बहुत सारी चीजें हमें बताई जाती है। लेकिन सही जानकारी क्या है। आयुर्वेद शास्त्र में इसके बारे में क्या बताया है ।आइए जानते हैं इस टॉपिक में।
आयुर्वेद शास्त्र में आचार्य चरक आचार्य सुश्रुत ने मधु या शहद के बारे में बहुत विस्तार से वर्णन किया है। शहद के प्रकार कितने हैं। कौन से मधुमक्खियों ने बनाया हुआ शहद सर्वश्रेष्ठ है। उसके गुण कौन से हैं। किस में उसका सेवन करना चाहिए। किस अवस्था में करना चाहिए। कितनी मात्रा में करना चाहिए। इसकी सेवन की विधि क्या है। अगर सही तरीके से यह न किया गया तो क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं। इन सब के बारे में उन्होंने वर्णन किया है। आचार्य सुश्रुत ने सुश्रुत संहिता में 45 में अध्याय में यानी द्रव्य द्रव्य विधिअध्याय में मधुर वर्क में हमें बताया है।
मधु शहद तत्समय मधुर है। इसका कषाया अनुरस है। शीत गुण वाला है। अग्नि को बढ़ाने वाला है। वरुण को बढ़ाने वाला है पचने में एकदम हल्का है। लेखन कर्म करने वाला है। कफ़ और मैध वृद्धि को नष्ट करने वाला है और योग वाही है। योग वाही का मतलब जिस औषधि द्रव के साथ आप इसको मिक्स करेंगे उनके गुणों को बढ़ाने वाला है। इन सब गुणों का आचार्य सुश्रुत ने वर्णन किया है। मधुमक्खियों के अपक यानी कि कच्चे छाते को तोड़कर जो शहद निकाला जाता है। वह खट्टा रहता है। त्रिदोष का वर्द्धन करने वाला है। वह हमारे लिए सही नहीं है। लेकिन जो पुराना शहद है उसको लेखन कर्ण में लेखन कर्म करने वाला या मेद धातु या चर्बी को कम करने वाला बताया गया है।
शहद का सेवन हमें कैसे करना है। सुबह हम शहद को पानी के साथ ले सकते हैं। लेकिन उसके लिए आपको पानी उबालना है इसे यदि आपने 1 लीटर पानी उबाला उसमें से पाऊ लीटर पानी बचाना है। फिर उसके साथ उसको पूरा ठंडा होने देना उसे नार्मल टेंपरेचर में आने देने के बाद ही उसके साथ आपने शहद मिक्स करके आपको लेना है। इसके हमें दो फायदे मिलेंगे।एक तो आपने पानी जो उबाल कर लिया है। वह पचने में बहुत हल्का है यह भी कफ को काम करने वाला है। चर्बी को कम करने वाला है।और दूसरी शहद के भी फायदे हमें मिल सकते हैं।
अब देखते हैं कि आयुर्वेद में शहद को गर्म पानी के साथ लेने के बारे में क्या बताया है। तो आचार्य सुश्रुत संहिता में बताते हैं शहद को कभी भी गरम नहीं करना है। और गर्म चीजों के साथ भी इसे कभी नहीं लेना है। यहां तक कि गर्म ऋतुओ में भी यानी कि शरद ऋतु या फिर गर्मी या ग्रीष्म ऋतु या मार्च से लेकर मई के महीने में या फिर अक्टूबर के महीने में भी हमें इसका प्रयोग नहीं करना है। यहाँ तक कि जिनको उष्णता से होने वाले कुछ बीमारियां हैं उन लोगों ने भी इसका प्रयोग नहीं करना है। आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा में वमन क्रिया में शहद को गर्म काढे के साथ या द्रव के साथ इस्तमाल करते है। लेकिन उसमें शहद का पचन होने से पहले ही उल्टी के द्वारा वो शरीर से बाहर निकल जाता। तो इस लिए उसके शरीर पर कोई दुष्परिणाम नहीं होता है।
आचार्य चरक ने बताया कि मधुमक्खियां स्वयं एक विषैला जीव जिन फूलों से वह शहद इकट्ठा करती हैं उसमें से भी काफी सारे विषले हो सकते हैं। इन सब का प्रभाव जो शहद बनेगा उस पर भी आएगा अगर यह शहद ओशन पदार्थों के साथ या उष्णता से पीड़ित है। उसने लिया तो उसे निश्चित ही दुष्परिणाम हो सकते हैं। शहद का प्रयोग हमें बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि हमें इसे अधिक मात्रा में लिया तो उससे ठीक से पचन नही हुआ तो उसके नुकसान ही ज्यादा होंगे।
एक बात और है वजन कम करने के लिए सिर्फ शहद गर्म का पानी काफी नहीं है। इसके लिए खानपान कुछ आदतें हैं । शारीरिक व्यायाम है औषधि चिकित्सा है पंचकर्म चिकित्सा है इन सब सभी की सलाह ले सकते हैं। तो देखा आपने आयुर्वेद में शहद को गर्म पानी के साथ लेने के लिए बिल्कुल नहीं बताया है। इसके बाद भी आपको कोई यह बताता है। तो उनको यह रेफरेंस जरूर पूछियेगा। उनसे यह पूछे कि आयुर्वेद के कौन से आचार्य ने किस ग्रंथ में यह बताया है। अगर आपको पता चला तो हमें भी जरूर बताइएगा फिर मिलेंगे।
नमस्कार।
मोटापा कम करने के लिए शहद के साथ गर्म पानी पीना कितना सही।
Reviewed by Vishant Gandhi
on
April 02, 2020
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