श्री राम का ब्रह्मचर्य vs आज के युवा।

श्री राम का ब्रह्मचर्य vs आज के युवा।

दोस्तों 
आज मैं आपको श्री राम के ब्रह्मचार्य के बारे में कुछ विशेष जानकारी देने वाला हूं। मतलब वही श्री राम जो पुरुषों में उत्तम माने जाते हैं।  वही श्री राम जिन्हों ने अपने पिता के 14 वर्ष तक के वनवास आदि पर उफ तक नहीं किया। वही श्री राम जो सभी गुणों से युक्त बताए गए हैं। वही श्री राम जो हमें सत्य बोलते थे। वही श्री राम जो वीर्यवान थे।  वही श्री राम जो माता सीता के बाद किसी पराई स्त्री पर नजर उठाकर भी नहीं देखते थे।

आज मैं उसी गुण के बारे में बताऊंगा। यह बात तब की है जब श्री राम के हाथों रावण का पराजय के बाद रावण की पत्नी जिसका नाम मंदोदरी था। वह श्री राम से मिलने के लिए आती है। यह खबर उसको पता चल गई थी कि उसके पति आतक रावण युद्ध मे श्री राम के हाथों पराजित हो गए हैं और मारे गए हैं। रावण एक ऐसा राजा था।  जिसने अपने दुश्मनों के दिल में डर बैठा लिया था। हर कोई उसे अजय मानता था लेकिन फिर भी वह किसी के हाथों मारा गया।

मंदोदरी अपने पति की हत्या करने वाले व्यक्ति को देखने के लिए युद्ध के मैदान में पर आई थी। तब उन्होंने श्री राम को देखा।  उनसे वार्तालाप किया। लेकिन श्रीराम ने मंदोदरी के ऊपर नजर उठाकर भी नहीं देखा। वह अपनी गर्दन झुकाकर मंदोदरी से बात करे थे। श्री राम अपनी पत्नी माता सीता के अलावा किसी पराई स्त्री पर नजर उठा कर नहीं देखते थे। क्योंकि श्रीराम ग्रस्त ब्रह्मचारी थे और वह माता सीता के अलावा सभी स्त्रियों को मां और बहन की नजरो से देखते थे। लेकिन आज इसका उल्टा ही हो रहा है। मतलब लड़के इश्क मोहब्बत में इतने डूबे रहते हैं। वह लड़कियों के चेहरा देखने के लिए उनके घर के बाहर खड़े हो जाते हैं। 

स्कूलों के बाहर खड़े हो जाते हैं। कॉलेजों के बाहर खड़े हो जाते हैं और फिर कहते हैं जब तक उसका चेहरा ना देख लू दिन नहीं कटता। किसी काम में मन नहीं लगता। पढ़ाई नहीं कर पाता। ऐसे लोगों को तो मेरा नमन है उनका जिंदगी में कुछ नहीं हो सकता। 

इसमें ही लोग बोलने लगते हैं तेरे से लड़की नहीं पटी तू तो नपुंसक है। तू मर्द नहीं है।  मेरी मानो तो असली मर्द वही होते हैं। जो फालतू के जमेलों में ना पढ़कर अपना जीवन साधारण और अच्छी तरह से जीना चाहते हैं। असली मर्द वही होता है जो अपनी वासना को जीत ले। असली मर्द वही होता है जो सभी परियों को मां बहन की नजरों से देखें।

अब आप अपने आप पर गर्व करो कि आप सभी जनों से फ्री हैं क्योंकि आप उद्देश्य को दूसरों की तुलना में बहुत अच्छे तरीके से बहुत आसानी से पा सकते हैं। अब लोग बोलते तो हैं जय श्री राम लेकिन वह दुनिया को दिखाने के लिए होता है कि देखो मैं कितना बड़ा धार्मिक काम कर रहा हूं।  मैं तो श्रीराम का बहुत बड़ा भक्त हूं। मुझे मोह माया से कुछ मतलब ही नहीं मेरे मन में तो श्री राम धूनी चलती रहती है। अरे कुछ नहीं यही लोग की रियलिटी पता चले तो उनके मन में राम धुन नहीं बल्कि काम धुन चलती रहती है। लड़कियों के ख्याल चलते रहते हैं। अब मुंह से बोल देंगे जय श्री राम और अकेले में करेंगे ऐसे काम। ऐसा कैसे चलेगा मेरे भाई। तो दोस्तों आज के लिए सिर्फ इतना ही। 
धन्यवाद।
श्री राम का ब्रह्मचर्य vs आज के युवा। श्री राम का ब्रह्मचर्य vs आज के युवा। Reviewed by Vishant Gandhi on April 02, 2020 Rating: 5

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